April 13, 2025

विधिवत नगर पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए सुरेन्द्र चौधरी

0
888
Spread the love

11 पार्षदों के साथ बहुमत में रही कांग्रेस के सामने भाजपा नंमस्तक, चुनाव से रही दुर 

कांग्रेस संगठन के साथ जेष्ठ भाई महेन्द्र चौधरी ने राजनीतिक रणनीति में मनवाया लोहा

घरघोड़ा (गौरी शंकर गुप्ता)। घरघोड़ा नाम ही काफी है रायगढ़ जिले में सुर्खियां में रहने के लिए ब्रिटिश रियासत कालीन नगरी घरघोड़ा अनुभाग में उठापटक गतिविधि हर क्षेत्र में देखने को मिलता रहता है, नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए चुनाव से लेकर चार सालों तक गहमागहमी बनी रही। कांग्रेस समर्थित पार्षदों की संख्या बल होने के बाद भी भाजपा ने अध्यक्ष पद पर कब्जा जमा लिया, इस राजनीतिक चमत्कार के बाद सालों आरोप प्रत्यारोप का दौर चला, जिसके बाद हाल के महिनों में नगर पंचायत घरघोड़ा का नाम फिर से समाचार पत्रों में मुख्य शीर्षक में देखने को मिला जहां कांग्रेस के अध्यक्ष पद के दावेदार सुरेन्द्र चौधरी का नाम फिर से सामने आया अविश्वास प्रस्ताव के रूप में जहां एक तरफा बाजी के साथ सुरेन्द्र चौधरी ने वर्तमान अध्यक्ष शिशु सिन्हा को कुर्सी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया और कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव सफल रहा।
राजनीति के मैदान में वोट की शक्ति सबसे बड़ी होती है सारा राजनीतिक गुरूत्वाकर्षण बल इसी परिधी में घुमती है, जैसे की हमने कहा मतधिकार में मत संख्या महत्वपूर्ण होती है व्यवस्था में जनता ही नायक की भूमिका में होती है जो पार्षद चुनकर नगर पंचायत पहुंचे हैं जन प्रतिनिधि के रूप में उनमें कांग्रेस पार्टी के समर्थन वाले अधिक्ता होने के बाद भी चाणक्य नीति में भाजपा आगे रही लगभग तीन साल अध्यक्ष की कुर्सी में बैठने के बाद भी अपने कार्यकाल में जनता को संतुष्ट कर पाये ना पार्षदों का विश्वास हासिल हुआ, नतीजन पांच की पूरी मंजिल तय करने में विफल रही, बताया जाता है कांग्रेस पार्टी के स्थानीय नेताओं ने भाजपा अध्यक्ष के सामने एक तरफा बहुमत होने के बाद भी अपनी हार स्वीकार कर मैदान छोड़ दिये थे, पार्टी से बड़ा निजी स्वार्थ की राजनीति चरम पर था कांग्रेस कमेटी में जिम्मेदार पदों पर बैठे अध्यक्ष महासचिव जैसे पद बौने साबित हो रहे थे, इनकी मानसिकता पार्टी हितों की ओर दिखाई ना होकर पार्टी नेतृत्व के निर्णय के खिलाफ रही, इस कारण विपक्षी दल भाजपा बिना ज्यादा मेहनत किए बिना बहुमत वाले पार्षदों के बाद भी अध्यक्ष की कुर्सी में आसानी से काबिज़ हो गये, राजनीति में चौड़ तोड़ देखने को मिलता है सभी दल इस तरह से सत्ता हासिल करने की कोशिश करते हैं, परन्तु राजनीति के इतिहास में स्थानीय चुनाव में पहली बार देखने को मिला जिसपर बड़े बड़े राजनीतिक विश्लेषकों को अचरज में डालदिया आज अविश्वास प्रस्ताव के बाद जो चुनाव प्रक्रिया हुआ लगभग यहीं स्थिति आरंभिक चरण के बहुमत सिद्ध करने में बनी हुई थी, कांग्रेस के पास बहुत एक तिहाई से अधिक पार्षदों के साथ बना हुआ था जो एक पार्षद आज कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से संख्या भाजपा के पास पांच से चार हो गई है, फिर भी उस समय पुरे दस पार्षदों का कुनबा खड़ा था और स्थानीय विधायक प्रभारी मंत्री अपनी पीठ थपथपा रहे थे, इस विधानसभा में दोनों नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस बैठ रही है करके प्रदेश से लेकर जिला से बधाई संदेश मिलने के बाद स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने विधायक के सारे मान को मिटियामेठ कर भाजपा को समर्थन कर भाजपा अध्यक्ष बैठा दिया, जिसके बाद विधायक की किरकिरी तो हुआ ही साथ में स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारियों ने इसकी समस्त जिम्मेदारी विधायक के उपर ही मढ़ दिया, जबकि स्थानीय जनता कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं की भूमिका पर कटाक्ष करते रहे, कांग्रेस पार्टी ने अध्यक्ष पद के दावेदार रूप में सुरेन्द्र चौधरी का नाम आगे किया था उसी नाम का विरोध करते हुए कांग्रेस के शीर्ष पदाधिकारीयों को देखा गया आज भी जब पुनः बहुमत साबित करने के समय कांग्रेस पार्टी के विधायक जिला अध्यक्ष व चुनाव प्रभारी नगरपंचायत में उपस्थित है तब भी कांग्रेस पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष महासचिव अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी एक तरह से नदारत दिखे। कहां जाता है विधायक ने जिन्हें जिम्मेदारी दिया था उन्हीं की भूमिका संदेहास्पद होने से बवाल मचा हुआ था किसने भाजपा की लौबी कर कांग्रेस पार्टी से बगावत किया इसकी जानकारी विधायक से लेकर राजधानी तक में थी। आज जब नगर पंचायत अध्यक्ष सीट पुनः कांग्रेस की झोली में आ गई है तो इसके लिए कांग्रेस पार्टी से ज्यादा सुरेन्द्र चौधरी व उनके बड़े भाई महेन्द्र चौधरी का परिश्रम से परिणाम तक के सफर में महत्ती भूमिका नजर आती है। महेंद्र चौधरी सक्रिय राजनीति से दूर है अपने कारोबार में व्यस्तता के कारण राजनीति गतिविधियों में कम दिखाई देते हैं परन्तु समाजिक सरोकार के कार्यों में बढ़-चढ़कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के कारण समाज में अलग पहचान बनाई है, इसका लाभ राजनीति गतिविधियों में मिलता है अपने छोटे भाई के साथ कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने के लिए साथ खड़े नजर आते हैं इस कारण भी कांग्रेस पार्टी का बड़ा वर्ग चौधरी परिवार के साथ नजर आती है, राज्य में कांग्रेस सत्ता आने के बाद विधायक लालजीत राठिया व मंत्री उमेश पटेल का विश्वास जीतने में चौधरी परिवार कामयाब रही है, पार्टी हितों के लिए महेन्द्र चौधरी के कार्यों को दरकिनार नहीं किया जा सकता है, इस कारण कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की नजरें हमेशा चौधरी ब्रदर्स पर होती है, समाज का बहुत बड़ा हिस्सा राजनीति से परे चौधरी परिवार के समाजिक योगदान में अहम भूमिका के कारण साथ रहती है, सदैव तत्पर रहते हुए महेन्द्र चौधरी समाजिक गतिविधियों में शामिल होते हैं इस कारण हमेशा उनसे सक्रिय राजनीति में आने का सवाल होता रहा है, इस बार भी जब नगर निकाय चुनाव में सक्रिय रूप से कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ भेंट मुलाकात करते दिखाई देते तब भी सवाल किया गया था क्या इस बार सक्रिय राजनीति करते दिखाई देंगे तब चौधरी ने कहा था मेरा छवि अब कारोबारी का बन गया है, मेरे पास समय का अभाव होता है फिर भी परिवार कांग्रेस पार्टी के साथ वर्षों से जुड़ा है मैं भी संगठन में कार्य कर चुका है, इस लिए कांग्रेस पार्टी के लिए जितना हो सकता है मेरे से वो करने का प्रयास करता हूं, परिवार का सदस्य शिल्लू कांग्रेस पार्टी में सक्रिय भूमिका में हमेशा रहा है, उसके लिए मेरे से जो बन पाता है करता हूं, कांग्रेस पार्टी का सदस्य मानता हूं खुद को इस लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा मुझे किसी कार्य संदर्भ करने को कहते हैं तब भी समय निकाल कर जितना हो सके करता हूं, सक्रिय रूप से नहीं रहने का बात ही नहीं है वास्तव में सक्रिय ही हुं, हां पद जिम्मेदारी से दुर रहता हूं उसका भी बहुत कारण है एक तो व्यापार कारोबार समय अभाव है ही परन्तु मेरा सोच सर्वस्पर्शी रूप से समाज में भूमिका बना रहे इस क्षेत्र में राजनीति से हटकर सभी के बीच विश्वास के साथ रहना एक कारण है। वैसे आज घरघोड़ा में कांग्रेस पार्टी मजबूत है शिल्लू के साथ सबका विश्वास बड़ी है चुनाव से अबतक जो हो सकता था कांग्रेस पार्टी के हितों में मैंने हर संभव करने का प्रयास किया साथ ही कांग्रेस पार्टी के किरोड़ी तायल, सोमदेव मिश्रा, दीपक अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, बाबू ठाकुर, सभी पार्षदगण व कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेताओं ने भरपूर समर्थन किया यह जीत कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की मेहनत की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *