‘प्रबल आधार’ को अब न काम और न ही भुगतान, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में होगी ‘प्रबल’ की मैदानी जांच, आजीविका मिशन का भी काम व भुगतान रोकने कलक्टर को चिट्ठी, स्वयंसेवी संस्था को काली सूची में डालने की तैयारी

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रायपुर। कागजों पर काम करके करोड़ों रुपए का आहरण करके विवादों में आई बस्तर की स्वयंसेवी संस्था प्रबल आधार सेवा संस्थान के सभी कार्यादेशों तथा भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं संस्था द्वारा आजीविका मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कामों तथा भुगतान पर तत्काल रोक लगाने के लिए कलक्टर, जगदलपुर को पत्र लिखा जा रहा है। वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए विभागीय अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि नियम विरुध्द कार्यादेश जारी करने वाले अफसरों पर तत्काल कार्रवाई की जाए और फर्जी काम के आधार पर भुगतान लेने वाले इस एनजीओ तो तत्काल काली सूची में डालकर उसके खिलाफ अपराध पंजीबध्द कराया जाए।

अरण्य भवन में पदस्थ भारतीय वन सेवा के एक अधिकारी के रसूख की बदौलत बीजापुर, दंतेवाड़ा तथा सुकमा जिले में वन विभाग से करोड़ों का काम हासिल करने वाले इस एनजीओ पर अब शिकंजा पूरी तरह कसा जा चुका है। प्रधान मुख्य वनसंरक्षक राकेश चतुर्वेदी के आदेश पर इस मामले की जांच कर रहे मुख्य वनसंरक्षक, जगदलपुर शाहिद खान ने शुक्रवार को भेजी गई अपनी अंतरिम रिपोर्ट में संकेत दिया है कि प्रबल आधार सेवा संस्थान ने बस्तर के इन तीनों जिलों में बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। कागजों पर काम करके संस्था ने दंतेवाड़ा जिले के कुछ भुगतान हासिल करने में सफलता हासिल कर ली है लेकिन सुकमा तथा बीजापुर जिले से अब तक भुगतान नहीं हो पाया है। मुख्य वनसंरक्षक, जगदलपुर शाहिद खान ने लॉक डाउन के कारण मैदानी स्तर पर जांच कराने में दिक्कतों का वास्ता देते हुए जांच की अवधि 15 मई तक बढ़ाने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि संस्था के कार्यों की मैदानी स्तर पर जांच करना जरूरी है, तभी इसकी अनयिमितताओं को सामने लाया जा सकेगा।

कलक्टर ने खूब दिए काम
वन विभाग में करोड़ों का फर्जी काम करने वाली इस संस्था प्रबल आधार सेवा संस्थान को जगदलपुर कलक्टर ने भी दोनों हाथों से काम दिया है। मुख्य वनसंरक्षक, जगदलपुर शाहिद खान की अंतरिम रिपोर्ट में इसका खुलासा करते हुए बताया गया है कि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की सिफारिश पर कलक्टर जगदलपुर ने इस संस्था को करोड़ों रुपए का काम दिया है। सरकार के संज्ञान में इस बात के आते ही इन सभी कार्यादेशों तथा भुगतान को रोकने के निर्देश दिए गए हैं। वनमंत्री मोहम्मद अकबर की तरफ से कलक्टर, जगदलपुर को पत्र भेजा जा रहा है, जिसमें प्रबल आधार सेवा संस्थान को आजीविका मिशन के तहत दिए गए सभी कार्यों के कार्यादेश तथा भुगतान रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

मंत्री ने की समीक्षा
मुख्य वनसंरक्षक, जगदलपुर की अंतरिम रिपोर्ट मिलने के बाद शुक्रवार को वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने इसकी समीक्षा की। सम्बंधित अधिकारियों को दस्तावेजों के साथ तलब किया गया औ्र इस बात की जांच की गई कि किन परिस्थितियों में इस संस्था को इनपैनल किया गया था तथा किन कारणों से इसे दंतेवाड़ा, बीजापुर तथा सुकमा जिले में कार्यादेश दिए गए थे। कागजों पर काम पूरा करते ही इस संस्था को किन परिस्थितियों में भुगतान किया गया।

विवादित अफसर की क्लास
इस बैठक में भारतीय वन सेवा के उस विवादित अफसर की मंत्री मो. अकबर ने जमकर क्लास की, जिसकी सरपरस्ती में यह संस्था फल-फूल रही है। जिस वक्त इस संस्था को इनपैनल किया गया था, यह अधिकारी उस कमेटी का सदस्य था। मंत्री ने उस अफसर से संस्था तथा संस्था संचालक के साथ सम्बंध की जानकारी ली तथा साफ चेतावनी दी कि अगर उनके प्रभाव से संस्था को कोई काम अथवा भुगतान किया जाना पाया गया, तो कार्रवाई तय है। हालांकि भारतीय वन सेवा का यह अधिकारी संस्था तथा संस्था के संचालक के साथ अपने रिश्ते को लगातार नकारता रहा।

एफआईआर होगी
निश्चित रूप से यह बेहद गंभीर मामला है। एनजीओ के बीते चार-पांच साल के काम की जांच कराई जा रही है। किसी अफसर ने अगर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके संस्था को कार्यादेश अथवा भुगतान कराया होगा औ्र यह बात जांच में सामने आएगी तो सम्बंधित पर सख्त कार्रवाई करूंगा तथा फर्जी काम करके भुगतान लेने वाले एनजीओ को तत्काल काली सूची में डाकर उसके खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी।
मोहम्मद अकबर
वनमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन

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